Sunday, June 13, 2010

यह जरूरी है क्या

पटना की सडकों पर कुछ इसी अंदाज़ में
पहुंचे थे सम्बंधित लोग
पटना : किसी भी रैली के लिए 'नाच' जरूरी है क्या। लेकिन पिछले कई रैलियों से यह देखने को मिल रहा है। कहें तो यह फैशन के रूप में चल पडा है। कुछ 'नेताओं' के लिए यह भीड़ जुटाने का नुस्खा है अथवा वे ऐसा समझते हैं। रविवार १३ जून को पटना में भाजपा की स्वाभिमान रैली में यह सब देखने को मिला। यह ऐसी रैली थी, जो चुनावी दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण थी। फिर यह सिर्फ रैली ही नहीं थी, बल्कि भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन भी था। यह बुद्ध-महावीर की धरती पर सोलह वर्षों के बाद हुआ था। तभी तो इसमें भाजपा के फर्स्ट सर्किल के तमाम दिग्गज नेता पटना पहुंचे हुए थे। ऐसे में पटना की सड़कों पे इस तरह का नाच ठीक लगता है क्या! राजद के शासन काल में भी इस तरह के नाच रैली की पूर्व संध्या पर होते रहे थे। सबसे अधिक 'लाठी रैली' में यह नजारा देखने को मिला था। भीड़ जुटाने के लिए क्या यह सही है, फैसला पब्लिक पर........!

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