Sunday, April 03, 2011

JAY HO...

पटना में खुशी मनाते आई नेक्स्ट के स्टाफ्स व अन्य...
आखिर पूरे हो गए सपने. कितने अरमां. कितने ख्वाब. कितनी मन्नतें. कितनी दुआएं माँगी होंगी लोगों ने. अब जाकर 28 वर्षों के बाद हम एक साथ दीवाली-होली मना रहे हैं. अक्खा इंडिया ही नहीं, विदेशों में बसे हार भारतीय आज गौरवान्वित है. शायद ऐसी खुशी असली 'लंका दहन' के समय भी लोगों को नहीं मिली होगी, जैसी इस शनिवार को मिली. शनिवार को लंका दहन तो होना ही था, क्योंकि इस दिन हनुमान जी जो हमलोगों के साथ थे. पटना की सडकों पर लोगों का उत्साह देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरा देश कितान खुश होगा. तो चलो सब के बार फिर से बोलते हैं कि 'जय हो....'

Monday, March 14, 2011

Japan se lein seekh...

हवेली खड़गपुर (मुंगेर) :  सीख लेने का समय आ गया है. अब भी नहीं संभले तो फिर आप पछताने के लिए भी नहीं बचेंगे. और न ही आपके पीछे कोई रोनेवाला बचेगा. क्योंकि, आप वर्ल्ड की सबसे बड़ी शक्ति क्यों न बन जाएँ, यह कभी मत भूलें कि आपसे ऊपर भी कोई बड़ी शक्ति है, जिसे संसार 'महाशक्ति' के नाम से जानती है. आप भले ही परमाणु शक्ति के दम पर खुद को वर्ल्ड का बॉस मानें लेकिन ऊपरवाले के एक इशारे पर आपकी 'बाट' लग जायेगी. अब थोड़ी चर्चा २०१२ पर, यह फिल्म जब बनी थी, तब इस पर काफी बहस हुई थी. कोई इसे सच के करीब देख रहा था, तो किसी को यह महज फिल्म लगी थी. लेकिन जापान में आये भूकंप व सूनामी ने यह जता दिया कि हर चीज संभव है. संसार से खिलवाड़ करने का खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा. वर्ल्ड पर एक नजर डालें तो पातें हैं कि आज रूस हो या अमेरिका, चीन हो या इंडिया, या अब जापान, समय-समय पर बर्बादी को झेल रहा है.